जन्माष्टमी पूजन और व्रत


जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण जी के जन्मोत्सव के रूप मे पूरे भारत मे बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष 2 सितम्बर 2018 रविवार को सप्तमी तिथि रात्रि 20:47 मिंट तक व्याप्त है। उसके उपरांत 20:47 मिंट से अर्धरात्रि चंद्रोदय व्यापनी और 20:49 मिंट पर रोहिणी योग और बृष के चन्द्रमा का योग भी है। इस लिए 2 सितम्बर की रात्रि सभी के लिए पूजन, व्रत, झूला झुलाना और चन्द्रमा को अर्ध देना प्रशस्त होगा। क्योकि 3 सितम्बर 2018 सोमवार को अष्टमी तिथि रात्रि 19:20 मिंट तक और रोहिणी योग 20:06 तक ही व्याप्त है। उसके बाद तिथि नवमी और नक्षत्र मृगशिरा होगा। वर्षो की परम्परा अनुसार भगवान श्री कृष्ण जी के जन्म स्थान मथुरा-वृन्दावन में सूर्य उदयकालिक जन्मोत्सव मनाने की परम्परा है। उत्तर भारत के सभी प्रांतो में अर्धरात्रि और चंद्रोदय-व्यापनी जन्माष्टमी में व्रतादि करने की परम्परा है। जन्माष्टमी मनाने के बाद दही हांड़ी का उत्सव भी मनाया जाता है।

रक्षा बंधन का मुहूर्त



हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन महीने की पूर्णिमा को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक त्योहार रक्षा बंधन इस वर्ष 26 अगस्त 2018 दिन रविवार को मनाया जायेगा। इस वर्ष रक्षा बंधन भद्रा से मुक्त होगा कियोकि भद्रा सूर्योदय से पहले ही समापत हो जाएगी। सावन महीने की पूर्णिमा तिथि 25 अगस्त शनिवार शाम को 15 :16 पर प्रारम्भ होगी और 26 अगस्त शाम 17 :25 पर समापत होगी।
राखी बांधने का मुहूर्त सुबह 05 :59 से ले कर शाम 15 :25 तक,11 घंटे 26 मिंट का होगा।
अपराह्न समय का महूर्त 13 :39 से 16 :12 तक, 02 घंटे 33 मिंट का होगा।