त्रिपाताकी चक्र

                                               
                                          



त्रिपातकी चक्र में विभिन्न ग्रहों की एक विशेष स्थिति वर्ष कुंडली के लगन के अनुसार होती है जो की जन्म कुंडली में स्थित ग्रहो को आरोही के अनुसार स्थित किया जाता है। जन्म समय की कुंडली में गृह जिस राशि में स्थित होते है वहा से शुरू होकर ग्रह हर साल एक राशि आगे बढ़ते हैं।
केंद्रीय ध्वज वार्षिक कुंडली के लग्न का प्रतिनिधित्व करता है। वर्ष कुंडली के समय में जो राशि उदित होती है।
त्रिपातकी चक्र में ग्रहो को स्थित करके लग्न और चन्द्रमा पर ग्रहो के वेध को देखा जा सकता है। विभिन्न ग्रहो का प्रभाव चन्द्रमा और लग्न पर वर्ष में कैसा रहेगा इस पर विचार किया जाता है।