वैसाखी एक राषट्रीय त्यौहार है I इस वर्ष 13 अप्रैल
2016 को चैत्र मास के शुकल पक्ष की सप्तमी तिथि चन्द्रमा मिथुन राशि में और नक्षत्र
आर्द्रा में और सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है तब मनाया जाता हैI मेष संक्रांति
के कारण इस दिन मेले लगते हैI सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी ने वैसाखी के दिन
ही आनंदपुर साहिब में वर्ष 1699 में खालसा पंथ की नींव रखी थीI खेतों में गेहू की फसल पक जाती है और किसान ख़ुशी में नाचते गाते है और वैसाखी का त्यौहार मनाते है
सूर्य का मेष राशि में प्रवेश के समय तुला लगन चर
राशि की कुंडली बनीI जिस में लगनेश और वर्ष का राजा शुक्र षष्ट भाव में स्थित हैI इस
की नीच द्रिष्टि व्यय भाव पर हैI सूर्य की सप्तम भाव में बुध के साथ युक्ति और लगन
पर पूर्ण द्रिष्टि हैI शनि की शत्रु राशि में बक्री स्थिति, मंगल और शनि की धनु भाव
में युक्ति होनाI लाभ भाव में गुरु चण्डाल योग और गुरु शनि के मध्य 4/10 का सम्बन्द
होनाI ग्रहों के योग से अग्नि कांड,दुर्घटनाओं, आंतकी हमले,भूकम्प,आर्थिक मंदी, तेज
हवाएं, बाढ़, कुदरती आपदा होने के योग हैI
ग्रहों की स्थिति का मानव जीवन पर भी असर पड़ेगा हरेक
व्यक्ति की कुंडली के जिस भाव में ग्रहों की युक्ति और स्थिति हैI उसी के हिसाब से
व्यक्ति को अच्छे और बुरे परिणाम मिलेगेI