शनि जयंती 4 जून 2016 शनिवार को मनाई जायेगी।शनिवार के दिन शनि जयंती से इस पर्व का महत्व एवं फल अनंत गुणा हो जाता है। हिन्दू धर्म का विशेष पर्व शनि जयंती ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। न्याय के देवता सूर्य पुत्र शनि देव का जन्म शनि जयंती के दिन ही हुआ था। ज्योतिष में नौ मुख्य ग्रहों में से एक हैं। शनि अन्य ग्रहों की तुलना मे धीमे चलते हैं इसलिए इन्हें शनैश्चर भी कहा जाता है। शनि ग्रह को न्याय का देवता कहा जाता है। यह जीवों को सभी कर्मों का फल प्रदान करते हैं। इस दिन प्रमुख शनि मंदिरों में भक्त शनि देव से संबंधित पूजा पाठ करते हैं तथा शनि पीड़ा से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं। इस दिन मनुष्य को सरसों का तेल, उडद, काला तिल, देसी चना, शनियंत्र और शनि संबंधी समस्त पूजन सामग्री अपने ऊपर वार कर शनिदेव के चरणों में चढाकर शनिदेव का तैलाभिषेक करना चाहिये।
शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे अनुकूल मंत्र है -- "ॐ शं शनैश्चराय नम:।" इस मंत्र की एक माला का जाप अवश्य करें।