धनतेरस पूजन मुर्हुत


धनतेरस दीपावली से दो दिन पहले बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाए जाने वाले इस महापर्व धनतेरस को सुख-समृद्धि, धन, यश और वैभव का त्योहार माना जाता है। इसी दिन भगवान विष्णु देवताओं को अमर करने के लिए वैद्य धन्वंतरि के रूप में अमृत कलश सहित सागर मंथन से प्रकट हुए थे जिस के कारण इस दिन धनतेरस के साथ-साथ धन्वंतरि जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन धन के देवता कुबेर और आयुर्वेद के देव धन्वंतरि जी की पूजा की जाती है। धन्वंतरि चिकित्सा के देवता भी हैं इसलिए उनसे अच्छे स्वास्थ्य की कामना भी की जाती है। धनतेरस के दिन  अच्छी-अच्छी वस्तुएं, चांदी के बर्तन, नए बर्तन,पीतल के बर्तन या सोना-चांदी खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर सायंकाल को दीपक जलाकर धन और वैभव की देवी मां लक्ष्मी का आवाहन किया जाता है। इस दिन को यमदीप दान भी कहा जाता है।

धनतेरस तिथि : 28 अक्तूबर 2016, शुक्रवार
धनतेरस पूजन मुर्हुत : सायं 17:35  से 18:20 तक (स्थिर लगन के बिना)
प्रदोष काल : सायं 17:35 से रात्रि 20:11 तक
वृषभ काल : सायं 18:35 से रात्रि 20:30 तक
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ : सायं 16:15 से, 27 अक्तूबर 2016

त्रयोदशी तिथि समाप्त : सायं 18:20 तक, 28 अक्तूबर 2016