गोचर बृहस्पति का कुम्भ राशि में प्रवेश

 


वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति सबसे शुभ ग्रह माना जाता है और अच्छे परिणाम देता है। भले ही वह कुंडली में अशुभ स्थित है। बृहस्पति धर्म-अध्यात्म, सुख-समृद्धि, धन- सम्पति, संतान, सफलता, बुद्धि और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। गोचर बृहस्पति  मकर राशि से कुम्भ राशि में आज 06 अप्रैल 2021 को प्रवेश किया है।  जिसका स्वामी शनि ग्रह है। जिससे न्याय और धर्म के कार्य अधिक होंगे। गोचर का बृहस्पति जन्म राशि से द्वितीय भाव, पंचम भाव, सप्तम भाव, नवम भाव और एकादश भाव में शुभ परिणाम देता है। जिससे मेष, मिथुन, सिंह, तुला और मकर राशि वालों के लिए बृहस्पति के शुभ परिणाम मिलेंगे। 

बृहस्पति हमारे जीवन में अच्छा या बुरा कैसा परिणाम देगा इस के लिये व्यक्तिगत जन्म कुंडली में इस का सम्बन्ध बृहस्पति की स्थिति और अन्य ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। बृहस्पति किस घर में, किस राशि में और किस नक्षत्र में है, बृहस्पति की युक्ति किन ग्रहों के साथ है और बृहस्पति पर किन ग्रहों की द्रिष्टि है।

मूर्ति निर्णय के अनुसार राशियों पर प्रभाव-

1, जन्म राशि सिंह, मकर, मीन राशि वालो के लिए अत्यंत शुभ फल देने वाला रहेगा।

2, जन्म राशि बृष, कन्या, धनु राशि वालों के लिए मध्यम शुभ फल देने वाला रहेगा।

3, जन्म राशि मेष, कर्क,बृश्चिक राशि वालों के लिए  मध्यम अशुभ रहेगा।

4, जन्म राशि मिथुन तुला कुम्भ राशि वालों के लिए  अत्यंत अशुभ रहेगा।

विक्रम नवसंवत्सर 2078 वर्ष 2021

 


हिंदु नववर्ष का आरंभ चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से माना जाता है। विक्रम नव संवत्सर 2078 का शुभ आरम्भ चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 13 अप्रैल 2021 को मंगलवार के दिन आरम्भ होगा। 'राक्षस' नामक नव संवत्सर होगा। संवत्सर का राजा मंगल वाहन बैल होने से वर्षा अधिक होगी। फल-सब्जी और हरे चारे का उत्पादन भी अधिक होगा। 

हिंदू पद्धति के अनुसार मंत्री का पद उस ग्रह को मिलता है जो सूर्य की मेष संक्रांति के दिन का स्वामी होता है। इस वर्ष नव संवत्सर और सूर्य संक्रांति  एक ही दिन 13 अप्रैल 2021 को दिन मंगलवार सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए इस वर्ष के मंत्री मंगल ग्रह बन रहे हैं जो कि अग्नि के कारक ग्रह हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार वर्ष का राजा मंगल, मंत्री मंगल, मेघेश मंगल, सस्येश शुक्र, दुर्गेश चन्द्रमा, धनेश बृहस्पति, रसेश सूर्य, धान्येश बुध, नीरसेश शुक्र, फलेश चन्द्रमा होंगे। इन ग्रहों से संबंधित कार्य व वस्तुओं के उत्पादन पर असर पड़ेगा।

राजा-मंत्री मंगल - इस वर्ष राजा और मंत्री एक ही ग्रह मंगल होने से राजसिक नेता अपनी मनमानी करते हुए स्वार्थपूर्ण निर्णय लेंगे। वर्ष में गर्मी अधिक होगी। जनता में  क्रोध, झगड़े, चोरी, विभिन्न प्रकार के रोग, सम्प्रदायक हिंसक घटनाये ज्यादा होंगी। अग्निकांड, भूकम्प, बाढ़ आदि प्राकिर्तिक आपदाएं अधिक हों

मेघेश मंगल- सामान्य मौसम के तापमान में वृद्धि होगी। कही वर्षा बहुत कम और कहीं बहुत अधिक होने से बाढ़ आ सकती है।

सस्येश शुक्र- कुछ राज्यों में वर्षा समय के अनुसार होने से फलदार बृक्ष, फल-फूल और मौसमी फलों की पैदावार अच्छी होगी।

दुर्गेश चन्द्रमा- लोगों को समाज के प्रति की गई सेवाओं के कारण मान-सम्मान प्रापत   होगा। प्रशाशन की तरफ से जनता को सुख सुविधाएं मिलेगी।

धनेश बृहस्पति- व्यापारियों के लिए व्यापर में प्रगति के योग बनेंगे। जनता की जीवन शैली में आर्थिक स्तर में सुधार होगा। धार्मिक कार्यों में लोगों का रुझान होगा।

रसेश सूर्य- धन-धान्य में वृद्धि होगी कुछ क्षेत्रों में वर्षा काम होने से रास वाले फलों-दूध का उत्पादन काम होगा।  सामान्य लोगो को परशानियों  और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

धान्येश बुध- वर्षा अच्छी होगी जिससे कृषि क्षेत्र में उत्पादन अच्छे होंगे।

नीरसेश शुक्र- सुगन्धित वस्तुए कपूर, इत्र,सोना,चांदी और मूल्यवान रत्नों में वृद्धि और भावों वृद्धि होगी।

फलेश चन्द्रमा- विभिन्न प्रकार के मौसमी फ़ल-फूल व् अन्य खाद्य सामग्रियों की पैदावार अच्छी होगी।