हिंदु नववर्ष का आरंभ चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से
माना जाता है। विक्रम नव संवत्सर 2078 का शुभ आरम्भ चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 13 अप्रैल
2021 को मंगलवार के दिन आरम्भ होगा। 'राक्षस' नामक नव संवत्सर होगा। संवत्सर का
राजा मंगल वाहन बैल होने से वर्षा अधिक होगी। फल-सब्जी और हरे चारे का उत्पादन भी अधिक
होगा।
हिंदू पद्धति के अनुसार मंत्री का पद उस ग्रह को मिलता
है जो सूर्य की मेष संक्रांति के दिन का स्वामी होता है। इस वर्ष नव संवत्सर और सूर्य
संक्रांति एक ही दिन 13 अप्रैल 2021 को दिन
मंगलवार सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए इस वर्ष के मंत्री मंगल ग्रह बन रहे
हैं जो कि अग्नि के कारक ग्रह हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार वर्ष का राजा मंगल, मंत्री
मंगल, मेघेश मंगल, सस्येश शुक्र, दुर्गेश चन्द्रमा, धनेश बृहस्पति, रसेश सूर्य, धान्येश
बुध, नीरसेश शुक्र, फलेश चन्द्रमा होंगे। इन ग्रहों से संबंधित कार्य व वस्तुओं के
उत्पादन पर असर पड़ेगा।
राजा-मंत्री मंगल
- इस
वर्ष राजा और मंत्री एक ही ग्रह मंगल होने से राजसिक नेता अपनी मनमानी करते हुए स्वार्थपूर्ण
निर्णय लेंगे। वर्ष में गर्मी अधिक होगी। जनता में क्रोध, झगड़े, चोरी, विभिन्न प्रकार के रोग, सम्प्रदायक
हिंसक घटनाये ज्यादा होंगी। अग्निकांड, भूकम्प, बाढ़ आदि प्राकिर्तिक आपदाएं अधिक हों
मेघेश मंगल-
सामान्य मौसम के तापमान में वृद्धि होगी। कही वर्षा बहुत कम और कहीं बहुत अधिक होने
से बाढ़ आ सकती है।
सस्येश शुक्र- कुछ
राज्यों में वर्षा समय के अनुसार होने से फलदार बृक्ष, फल-फूल और मौसमी फलों की पैदावार
अच्छी होगी।
दुर्गेश चन्द्रमा- लोगों
को समाज के प्रति की गई सेवाओं के कारण मान-सम्मान प्रापत होगा। प्रशाशन की तरफ से जनता को सुख सुविधाएं
मिलेगी।
धनेश बृहस्पति- व्यापारियों
के लिए व्यापर में प्रगति के योग बनेंगे। जनता की जीवन शैली में आर्थिक स्तर में सुधार
होगा। धार्मिक कार्यों में लोगों का रुझान होगा।
रसेश सूर्य-
धन-धान्य में वृद्धि होगी कुछ क्षेत्रों में वर्षा काम होने से रास वाले फलों-दूध का
उत्पादन काम होगा। सामान्य लोगो को परशानियों और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
धान्येश बुध-
वर्षा अच्छी होगी जिससे कृषि क्षेत्र में उत्पादन अच्छे होंगे।
नीरसेश शुक्र-
सुगन्धित वस्तुए कपूर, इत्र,सोना,चांदी और मूल्यवान रत्नों में वृद्धि और भावों वृद्धि
होगी।
फलेश चन्द्रमा-
विभिन्न प्रकार के मौसमी फ़ल-फूल व् अन्य खाद्य सामग्रियों की पैदावार अच्छी होगी।