हिन्दू धर्म का विशेष पर्व शनि जयंती इस वर्ष 25
मई 2017 को मनाया जायेगा है। धर्मशास्त्रों के अनुसार शनिदेव सूर्य देव और देवी छाया
के पुत्र हैं तथा इनका जन्म ज्येष्ठ मास की अमावस्या को हुआ था। इसलिए इस दिन को शनि
जयंती के रूप में मनाया जाता हैं। वैदिक ज्योतिष में शनि नौ मुख्य ग्रहों में से एक
हैं। शनि अन्य ग्रहों की तुलना मे धीमे चलते हैं। शनि ग्रह वायु तत्व और पश्चिम दिशा
के स्वामी हैं।
शनि
देव को न्याय का देवता माना जाता है। शनि देव अपनी महादशा
अंतर्दशा, साढ़ेसाती और ढहिया में उन्हीं को नुकसान पहुंचाते हैं जिनके कर्म बुरे होते
हैं। जिन जातकों के कर्म अच्छे होते हैं शनि भगवान उनके साथ अच्छा करते हैं।
शास्त्रों
के अनुसार शनि जयंती पर उनकी पूजा-आराधना और अनुष्ठान करने से शनिदेव शुभ फल प्रदान
करते हैं। शनि जयंती के दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए
पूजा-पाठ करके तिल, उड़द, मूंगफली का तेल, काली मिर्च, आचार, लौंग, काले नमक आदि का
प्रयोग करना चाहिए। शनि देव को प्रसन्न करने के इन मंत्रो का उच्चारण करे ऊँ प्रां
प्रीं प्रौं सः शनये नमः, ऊँ शं शनैश्चाराय नमः। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए हनुमान
जी की पूजा करनी चाहिए। शनि के लिए दान में दी जाने वाली वस्तुओं में काले कपडे, जामुन,
काली उडद, काले जूते, तिल, लोहा, तेल, आदि वस्तुओं को दान करने से शनि देव सभी कष्टों
को दूर कर देते हैं।