दीपावली प्रकाश का त्यौहार है। दीपावली का अर्थ होता
है - दीपों की माला। हिंदू मान्यताओं में इस दिन भगवान् राम अपनी पत्नी सीता और अपने
भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास बिताकर अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत के लिए अयोध्यावासियों ने दिये जलाकर उनका स्वागत किया
था। इसी कारण इसे प्रकाश के त्यौहार के रूप में मनाते हैं।।
दीपावली पर्व कार्तिक कृष्ण अमावस्या 19 अक्तूबर
2017 दिन गुरुवार प्रदोष काल से लेकर अर्धरात्रि तक लक्ष्मी पूजा करने का विशेष महत्त्व
होता है। दीपावली पर तन्त्रिक पूजा के लिए महानिषिता काल सबसे अच्छा माना जाता है।
पूजा के लिए संध्या समय बृष स्थिर लग्न में 19 :09
से 21 :03 के समय में पूजा करनी शुभ रहेगी। क्योंकि बृष राशि चंद्रमा की उच्च और मूलत्रिकोण
राशि है जिस का स्वामी शुक्र है और शुक्र का
देवता लक्ष्मी जी है.जिन की पूजा करने से हमें धन,भाग्य,सुख समृद्धि मिलेगी
प्रदोष काल और महानिषिता
काल का समय और चौघड़िया का शुभ मुहूर्त !
प्रदोष काल :- 17:43 से
20:17
महानिषिता काल:- 23:42 से
24:33 +
अमावस्या तिथि की शुरुआत:- 19 अक्टूबर
2017 : प्रातकाल 00:13 से ले कर 20 अक्टूबर 2017 : प्रातकाल 00:41 तक है
पूजा के लिये शुभ चौघड़िया
मुहूर्त :- शुभ, चर, लाभ, अमृत
सुबह :- शुभ :-
06:32 से 07:56 , चर, लाभ, अमृत :- 10:44 से
14:55 , शुभ :- 16:19 से 17:43
सांयकाल :- अमृत, चर
:- 17:43 से 20:56 ,लाभ :- 24:08+ से 25:44+