दीपावली
धन, धान्य, सुख, समृद्धि और शांति पांच दिनों का त्यौहार धनतेरस से लेकर भाई दूज तक
होता है। जिस की शुरुआत कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस (भगवान धन्वंतरी
)के दिन से होती है। जिस के अगले दिन कार्तिक कृष्ण चतुर्दर्शी को नरक चतुर्दर्शी,
अगले दिन कार्तिक अमावस्या को दीपावली (लक्ष्मी पूजा, गणेश पूजा, सरस्वती
पूजा ), कार्तिक शुकल प्रतिपदा को कार्तिका शुद्धपद्यमी (गोवर्धन पूजा ) और पाचवा अंतिम
दिन यमदिवितिया (भाई दुज ) होते है।
धनतेरस पूजा मुहूर्त = 18:05 से 20:01
समय
अवधि = 1 घंटा 55 मिंट
प्रदोष काल =
17:29 से 20:07
वृष काल =
18:05 से 20:00
वैदिक ज्योतिष में 24 घंटो में
12 लगन होते है। जिन की प्रकृति चर, स्थिर और द्विस्वभाव होती है। स्थिर लगन में लक्ष्मी ,गणेश, सरस्वती जी की पूजा
को शुभ माना जाता है। स्थिर लगन में पूजा करने से लक्ष्मी जी घर में टिकती और आशीर्वाद
देती है।
वृष्चिक
लगन ( 8 ) सवामी मंगल : - मंदिरो , हॉस्पिटल्स , होटल्स
, विद्यालय ,कलाकार, राजनीती, इन्शुरन्स में काम करने वाले लोग इस लगन में पूजा कर
सकते है। मंगल ग्रह हर
क्षेत्र में शारीरिक शक्ति ऊर्जा और क्षमता
स्रोत है।
कुम्भ
लगन ( 11 ) सवामी शनि :-शनि के बुरे प्रभाव से छुटकारा पाने
के लिए ,व्यापार में हानि वाले, रोगी, और कर्ज
में डूबे लोग इस लगन में पूजा कर सकते है। शनि की मूलत्रिकोण
राशि कुम्भ है इस लिए इस लग्न में पूजा करने से शनि के अशुभ प्रभाव को काम किया जा
सकता है।
वृष
लगन ( 2 ) सवामी शुक्र :- परिवार में रहने वाले लोग, विवाहित,
बालक
, मध्य वर्ग, निम्न वर्ग, ग्रामीण लोग , किसान, सभी प्रकार के व्यवसायियों और वेतनभोगी लोगों के लिये इस लगन में लक्ष्मी
,गणेश, सरस्वती जी की पूजा करनी शुभ फलदायक होती है। चन्द्रमा
की उच्च और मूलत्रिकोण राशि वृष है
सिंह
लगन ( 5 ) स्वामी सूर्य -तपस्वी, जोगी, संतों और तांत्रिक
समुदाय के लोग इस लगन में पूजा करते है। सिंह राशि सूर्य की मूलत्रिकोण
राशि है। सूर्य अधिकार और मजबूत नेतृत्व का स्रोत है।
सभी लोगो को संध्या समय बृष लग्न में 17:57 से 19:52 के समय में पूजा करनी शुभ रहेगी। क्योंकि बृष राशि चंद्रमा की उच्च और मूलत्रिकोण
राशि है। जिस का स्वामी शुक्र है और शुक्र
का देवता लक्ष्मी जी है। जिन की पूजा करने से
हमें धन, भाग्य, सुख समृद्धि मिलेगी।
लक्ष्मी जी,गणेश जी की पूजा के लिये 07 नवंबर 2018 को स्थिर लगन का समय, प्रदोष काल का समय और चौघड़िया का शुभ मुहूर्त
लगन समय
वृष्चिक (8) प्रातकाल - 07:24 से 09:42
कुम्भ (11) दोपहर -13:29 से 14:57
वृष (2) संध्या काल - 17:57 से 19:52
सिंह (5) रात्रि काल - 24:27+ से 26:45+
प्रदोष काल :- 17:27 से
20:06
महानिषिता काल:- 23:38 से 24:31 +
अमावस्या
तिथि की शुरुआत:- 06 नवंबर 2018 को 22:27 से ले कर 07 नवंबर 2018 को 21:31 तक है।
पूजा
के लिये शुभ चौघड़िया मुहूर्त :- लाभ, अमृत,
शुभ, चर
लाभ
:- 06:41 से 08:02 लाभ
:- 16:07 से 17:28
अमृत:- 08:02 से
09:23 शुभ
:- 19:07 से 20:46
शुभ
:- 10:44 से
12:05
अमृत
:- 20:46 से 22:26
चर
:- 14:46 से
16:07
चर
:- 22:26 से 24:05+